ख़ामोशीUpinder WaraichSeptember 10, 2024Hindi Shayari, Poetry फ़िक्र होता नहीं है जब, जुबां से तू न कुछ बोले, फ़िक्र होता है जब तेरी, ख़ामोशी भी न कुछ बोले… उपिंदर वडैच Spread the love Previous Post पतझड़ Next Post ਪਤਾ