पतझड़Upinder WaraichSeptember 10, 2024Hindi Shayari, Poetry मैं पेड़ की हर शाख के हर पत्ते पर उसका नाम लिख बैठा, भूल गया था कि पतझड़ भी आएगी… उपिंदर वडैच Spread the love Previous Post ਦੋ ਪੰਛੀ Next Post ख़ामोशी